डेहरी ऑन सोन I डेहरी के मोहन बिगहा स्थित बाल वाटिका विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की पहली पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग (PTM) का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस अवसर पर 700 से अधिक अभिभावकों ने विद्यालय आकर अपने बच्चों की शैक्षणिक प्रगति की जानकारी ली और शिक्षकों से सीधा संवाद किया। इस बैठक में न केवल विद्यार्थियों की परीक्षाओं के परिणाम साझा किए गए, बल्कि अभिभावकों को शिक्षा, अनुशासन और समग्र विकास को लेकर सुझाव भी दिए गए।

हाल ही में आयोजित प्रथम आवधिक परीक्षा (1st Periodic Test) के परिणामों ने विद्यालय को गौरवान्वित किया है। 100 से अधिक विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक अर्जित किए, वहीं 120 से अधिक छात्रों ने 80% से ज्यादा अंक प्राप्त किए। इसके अलावा 150 से अधिक छात्रों ने 70% से ऊपर अंक हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि वे नियमित परिश्रम और मार्गदर्शन से किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं।
बाल वाटिका विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार शर्मा ने पीटीएम के दौरान उपस्थित सभी अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा,
“बच्चों की सफलता में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावकों की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप घर पर भी बच्चों के साथ थोड़ा समय बिताएं, उनका मार्गदर्शन करें और समय-समय पर छोटे टेस्ट लें, तो वे निश्चित ही और बेहतर परिणाम देंगे। सिर्फ स्कूल पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है, घर का सहयोग भी बच्चों की पढ़ाई को मजबूती देता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक और अभिभावक जब एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, तब बच्चे पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक और प्रबंधन टीम भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। प्रत्युष कुमार, रवि कुमार, राहुल कुमार, संजय कुमार, ममता सिंह, अमृता सिन्हा और नेहा गुप्ता जैसे शिक्षकों ने बच्चों को उनकी मेहनत के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी समय में और अधिक रणनीतिक तरीके से पढ़ाई करवाई जाएगी, जिससे हर स्तर के विद्यार्थी अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें।
पीटीएम में कक्षा शिक्षकों ने प्रत्येक अभिभावक से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की। अभिभावकों को बताया गया कि उनके बच्चे किन विषयों में बेहतर कर रहे हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। कई अभिभावकों ने यह स्वीकार किया कि जब से उनके बच्चे बाल वाटिका विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, तब से उनमें बहुत सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
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एक अभिभावक ने कहा,
“हमारा बच्चा पहले पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं लेता था, लेकिन जब से वह इस विद्यालय में आया है, उसकी सोच में बदलाव आया है। अब वह खुद से पढ़ाई करता है और हर विषय में रुचि दिखा रहा है।”
इस प्रकार की प्रतिक्रियाएं न केवल शिक्षकों के समर्पण को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित करती हैं कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।
विद्यालय प्रबंधन ने जानकारी दी कि आने वाले महीनों में छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग वर्कशॉप, कैरियर गाइडेंस सेशन, स्पोर्ट्स डे और आर्ट-कल्चर एक्टिविटीज का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों को शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक दोनों क्षेत्रों में बराबरी से अवसर मिलेंगे, जिससे उनका आत्मविश्वास और कौशल विकास हो सके।
विद्यालय की ओर से एक मजबूत संदेश यह भी गया कि सिर्फ अच्छे अंक लाना ही सफलता का पैमाना नहीं है। नैतिक शिक्षा, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और भावनात्मक समझ भी एक बच्चे को पूर्ण व्यक्ति बनाती है, और बाल वाटिका विद्यालय इन सभी क्षेत्रों में काम कर रहा है।
निष्कर्ष:
बाल वाटिका विद्यालय में आयोजित यह पीटीएम शिक्षा प्रणाली के प्रति विद्यालय की गंभीरता और प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा। विद्यार्थियों की शानदार उपलब्धियों, शिक्षकों के प्रयासों और अभिभावकों के सकारात्मक फीडबैक ने इसे एक सफल आयोजन बना दिया। यह स्पष्ट संकेत है कि विद्यालय न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करने में जुटा है।