भारत की रणनीतिक दिशा में बड़ा बदलाव: अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा—चीन को मानता है सबसे बड़ा खतरा
InstantVarta | नई दिल्ली
नई दिल्ली – एक ताज़ा अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है: भारत अब चीन को अपना सबसे बड़ा सामरिक खतरा मानता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा और विदेश नीति का फोकस अब पूरी तरह से चीन की घेराबंदी, सैन्य शक्ति के विस्तार और वैश्विक नेतृत्व को सुदृढ़ करने पर केंद्रित हो गया है।

भारत की नई रक्षा नीति: चीन की घेराबंदी प्राथमिकता में
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की मौजूदा नीति चीन के बढ़ते प्रभाव और आक्रामक विस्तारवाद पर लगाम लगाने के लिए तैयार की गई है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत रक्षा क्षेत्र में तेज़ी से आधुनिकीकरण कर रहा है, जिसमें अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम, साइबर सुरक्षा क्षमताएं और रणनीतिक गठबंधन शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति भारत की दीर्घकालिक रणनीतिक सुरक्षा को मज़बूत करेगी, खासकर पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और दक्षिण चीन सागर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।
चीन की नई चाल: पड़ोसी देशों में सैन्य ठिकानों की तैयारी
रिपोर्ट में इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि चीन म्यांमार, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे भारत के पड़ोसी देशों में सैन्य ठिकाने स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह भारत की सामरिक स्थिति को चुनौती देने की एक रणनीति मानी जा रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि ये ठिकाने स्थापित होते हैं, तो भारत को ‘दो-मोर्चा युद्ध’ की संभावना के लिए तैयार रहना पड़ेगा—एक ओर चीन और दूसरी ओर पाकिस्तान।
पाकिस्तान: अब सीमित और प्रबंधनीय खतरा
उसी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि भारत अब पाकिस्तान को एक सीमित और प्रबंधनीय खतरा मानता है। भारत की नजर में पाकिस्तान की सैन्य और आर्थिक स्थिति फिलहाल ऐसी नहीं है कि वह किसी दीर्घकालिक रणनीतिक चुनौती के रूप में उभर सके।
निष्कर्ष: भारत की बदलती सामरिक सोच
यह रिपोर्ट भारत की बदलती विदेश और रक्षा नीति की एक स्पष्ट झलक देती है। एक समय जो रणनीति पाकिस्तान-केन्द्रित थी, वह अब चीन-केन्द्रित हो गई है।
InstantVarta के लिए यह खबर न केवल भारत के सामरिक दृष्टिकोण में आए परिवर्तन को दर्शाती है, बल्कि भविष्य की कूटनीति और रक्षा योजनाओं को भी प्रभावित कर सकती है।