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पटना और रांची में आयकर विभाग की छापेमारी, फर्जी रसीद पर टैक्स रिफंड का खेल!

पटना/रांची | 15 जुलाई, 2025:
आयकर विभाग ने फर्जी दान रसीदों के जरिए करोड़ों रुपये का आयकर रिफंड लेने वाले करदाताओं पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। पटना और रांची में एक साथ छापेमारी करते हुए विभाग ने कई करदाताओं से पूछताछ की है।

ये सभी आयकर की धारा 80G और 80GGA के तहत झूठे दान का दावा करके टैक्स छूट का लाभ ले रहे थे।

क्या है मामला?

जांच में सामने आया है कि कुछ धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं के नाम पर नकली रसीदें तैयार कराई गई थीं, जिन्हें आयकर रिटर्न में लगाकर बड़े पैमाने पर रिफंड का दावा किया गया। इस तरह की रसीदों में दिखाया गया कि संबंधित व्यक्ति ने संस्थाओं को दान दिया है, जबकि असल में कोई दान नहीं हुआ था।

आयकर विभाग की सख्त कार्रवाई

पटना स्थित आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि
“धारा 80G और 80GGA के तहत टैक्स छूट का गलत फायदा उठाया जा रहा है। कई करदाता फर्जी रसीद लगाकर लाखों-करोड़ों का रिफंड प्राप्त कर रहे हैं।”
जैसे ही विभाग को इस फर्जीवाड़े की भनक लगी, रांची और पटना में छापेमारी शुरू की गई। कई बैंकों, कर सलाहकारों (CA) और टैक्सपेयर्स से दस्तावेज जब्त कर पूछताछ की जा रही है।

सेक्शन 80G और 80GGA क्या है?

धारा 80G के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी मान्यता प्राप्त चैरिटेबल ट्रस्ट या धार्मिक संस्था को दान करता है, तो उसे दान की राशि पर 50% या 100% टैक्स में छूट मिलती है।

धारा 80GGA के तहत, यदि कोई दान वैज्ञानिक अनुसंधान या ग्रामीण विकास से संबंधित संस्था को किया जाता है, तो भी करदाता को पूरी छूट मिलती है।

इन्हीं प्रावधानों का गलत उपयोग कर कई करदाता झूठे दान दिखाकर आयकर में बड़ी राहत हासिल कर रहे थे।

कैसे हुआ खुलासा?

आयकर अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से असामान्य रिफंड क्लेम की संख्या बढ़ रही थी। एक ही तरह की संस्थाओं को कई लोगों ने भारी दान दिखाया, जबकि उन संस्थाओं का जमीनी अस्तित्व संदिग्ध पाया गया। ट्रस्टों के नाम से कई रसीद बुक भी बरामद की गईं जो बिना रजिस्ट्रेशन के इस्तेमाल हो रही थीं।

जुर्माना और जेल का प्रावधान

विभाग ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की धोखाधड़ी में संलिप्त लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही तीन से सात साल की जेल का भी प्रावधान है। टैक्स अधिकारियों ने कहा कि
“अब सिर्फ टैक्स रिफंड लौटाने से बात नहीं बनेगी, ऐसे मामलों में आपराधिक मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

कौन-कौन हैं जांच के घेरे में?

फर्जी रसीद बनाने वाले ट्रस्ट और संस्थाएं

इन रसीदों के आधार पर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाता

सीए और टैक्स सलाहकार जो इस प्रक्रिया में शामिल पाए जाएंगे

आम करदाताओं के लिए चेतावनी

आयकर विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की झूठी या भ्रामक जानकारी अपने आयकर रिटर्न में न दें। ऐसा करना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि इससे व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री और कानूनी छवि भी प्रभावित होती है।


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