खड़गपुर, 9 जुलाई 2025 – पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने लोगों के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस बारिश की चपेट में आकर चंद्री ग्राम पंचायत के प्रतापपुर इलाके में एक दो मंजिला जर्जर मकान अचानक ढह गया। हादसे के वक्त घर के अंदर मौजूद लोग किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकल पाए, जिससे एक बड़ी जनहानि टल गई।

घटना मंगलवार रात की बताई जा रही है, जब झाड़ग्राम जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही थी। प्रतापपुर का यह मकान पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में था और स्थानीय लोग इसे लेकर पहले से ही चिंतित थे।
लगातार हो रही बारिश ने इस मकान की नींव को कमजोर कर दिया और आखिरकार तेज़ पानी की मार के बीच इसकी एक पूरी दीवार ढह गई, जिससे घर का एक बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया।
जर्जर मकान और बारिश का खतरा
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, मकान काफी पुराना था और पिछले एक वर्ष से उसकी स्थिति और भी खराब हो चुकी थी। कई बार मकान की मरम्मत कराने की बात की गई थी, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते मकान मालिक यह कार्य नहीं कर सके। ऊपर से हाल के दिनों में हुई लगातार भारी बारिश ने स्थितियों को और बिगाड़ दिया।
इलाके में तीन दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे चारों ओर जलजमाव की स्थिति बन गई है। सड़कें जलमग्न हैं और नालों का पानी घरों में घुस चुका है। बारिश से मिट्टी भी नर्म हो चुकी है, जिससे पुराने मकानों की नींव कमजोर हो गई है और वे कभी भी गिर सकते हैं।
घटना के वक्त क्या हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब मकान का एक हिस्सा गिरा, उस समय घर में एक परिवार के पांच सदस्य मौजूद थे। जैसे ही उन्होंने घर की दीवारों में दरारें देखीं और आवाज़ें सुनीं, वे तुरंत बाहर भागे। इसी दौरान घर का एक हिस्सा ढह गया। इस दौरान किसी को चोट नहीं आई, लेकिन सारा घरेलू सामान मलबे में दब गया।
स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन और पंचायत को इसकी सूचना दी। कुछ ही देर में ग्राम पंचायत के सदस्य मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। पंचायत की ओर से अस्थायी आवास की व्यवस्था की गई और उन्हें भोजन एवं आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गईं।
प्रशासन का क्या कहना है?
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और ब्लॉक स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। प्रशासन ने वादा किया है कि पीड़ित परिवार को राहत पैकेज के तहत मदद दी जाएगी। इसके अलावा पूरे इलाके में पुराने और कमजोर मकानों की तत्काल जांच करने का आदेश दिया गया है।
ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) ने बताया, “हम पहले से ही बारिश के चलते संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर रहे हैं। अब इस घटना के बाद हमने सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्रों में जर्जर मकानों की सूची बनाएं और उन्हें खाली कराने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करें।”
स्थानीय लोगों की मांगें
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन को लेकर नाराज़गी भी देखी गई। उनका कहना है कि हर साल बारिश में ऐसे हादसे होते हैं, लेकिन इसके बावजूद पुराने मकानों को लेकर कोई सर्वे या सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते। ग्रामीणों ने मांग की है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द सभी जर्जर घरों का सर्वे कराए और उन्हें अस्थायी आवास प्रदान करे।
विकराल हो रहा है बारिश का असर
झाड़ग्राम और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में इस समय बारिश से हालात बेकाबू हो चुके हैं। खेतों में पानी भर गया है, नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है। स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और कई जगहों पर परिवहन पूरी तरह से ठप हो गया है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और अधिक भारी बारिश की संभावना जताई है। इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है और राहत दलों को तैयार रखा गया है।
निष्कर्ष
झाड़ग्राम के प्रतापपुर में दो मंजिला मकान गिरने की घटना ने एक बार फिर से मानव जीवन और आधारभूत संरचना के बीच के असंतुलन को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर लोग मजबूरी में जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं, वहीं सरकार और प्रशासन की ओर से समय पर कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।
आवश्यक है कि आने वाले दिनों में ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन समय रहते सर्वे करे, मकानों को चिन्हित कर खाली कराए, और प्रभावितों के पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करे। साथ ही बारिश और आपदा से निपटने के लिए स्थायी रणनीति बनाई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से जान-माल की हानि रोकी जा सके।