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प्रत्युष कुमार को ‘एक्सीलेंस इन टीचिंग अवॉर्ड’, 700 से अधिक बच्चों को दी डिजिटल शिक्षा

सासाराम (रोहतास), 10 जुलाई 2025: गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह 2025 का आयोजन सासाराम में भव्य रूप से किया गया। यह समारोह सासाराम के प्रतिष्ठित संत पॉल स्कूल के उमा ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ, जिसमें रोहतास जिले के 19 प्रखंडों से लगभग 400 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। समारोह में जिले के उत्कृष्ट शिक्षकों को उनकी सेवाओं और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह 2025 रोहतास जिले में भव्य रूप से आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम संत पॉल स्कूल, सासाराम के उमा ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ, जिसमें जिले के 19 प्रखंडों से सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।

इस अवसर पर बाल वाटिका विद्यालय के समर्पित शिक्षक प्रत्युष कुमार को ‘एक्सीलेंस इन टीचिंग अवॉर्ड 2025’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनके नवाचार, समर्पण और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए दिए गए योगदान हेतु प्रदान किया गया।

समारोह की गरिमा और अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री मदन मोहन राय, संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद श्यामल अहमद और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. एस. पी. वर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इन सभी गणमान्य व्यक्तियों ने शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि समाज को सही दिशा देने में शिक्षक की भूमिका सर्वोपरि होती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद श्यामल अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा:

“हमारा उद्देश्य ऐसे शिक्षकों को पहचान दिलाना है जो शिक्षा को केवल नौकरी नहीं, बल्कि मिशन समझकर बच्चों के भविष्य को आकार दे रहे हैं। प्रत्युष कुमार जैसे शिक्षक हमारे समाज की नींव मजबूत कर रहे हैं।”

प्रत्युष कुमार की उपलब्धियां
प्रत्युष कुमार एक प्रेरणास्पद शिक्षक हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा को तकनीक के साथ जोड़ते हुए सैकड़ों छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को आसान और रोचक बनाया। उनके मार्गदर्शन में 300 से अधिक विद्यार्थियों ने विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के ओलंपियाड में भाग लिया, जिसमें कई छात्रों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। इसके अलावा, प्रत्युष कुमार ने 700 से अधिक विद्यार्थियों को कंप्यूटर और डिजिटल लर्निंग के क्षेत्र में आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने डिजिटल टूल्स और स्मार्ट क्लास की सहायता से बच्चों को तकनीक से जोड़ने का कार्य किया, जिससे छात्रों की समझ और प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उनके नवाचारों में इंटरएक्टिव लर्निंग, क्विज़-आधारित पढ़ाई और प्रोजेक्ट-बेस्ड एजुकेशन जैसी तकनीकें शामिल हैं, जिन्हें उन्होंने विद्यालय में सफलतापूर्वक लागू किया। उनका मानना है कि आज की शिक्षा प्रणाली में तकनीक का समावेश अनिवार्य है और शिक्षक ही इस बदलाव के वाहक हैं।

विद्यालय की ओर से मिली सराहना
बाल वाटिका विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार शर्मा ने कहा:

“प्रत्युष कुमार ने विद्यालय में न केवल पढ़ाई के स्तर को ऊपर उठाया है, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास भी किया है। उनका यह अवॉर्ड पूरे विद्यालय परिवार के लिए गर्व का विषय है।”
विद्यालय प्रशासन और स्टाफ ने भी उनकी इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

सम्मान मिलने के बाद प्रत्युष कुमार की प्रतिक्रिया
अपने सम्मान को लेकर प्रत्युष कुमार ने कहा:

“यह पुरस्कार मेरे लिए एक बड़ी प्रेरणा है। मैं इसे सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन सभी विद्यार्थियों और सहकर्मियों के लिए समर्पित करता हूं जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया। मेरा उद्देश्य हमेशा यही रहेगा कि हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और वह तकनीकी रूप से सशक्त बने।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज के दौर में शिक्षक की भूमिका केवल पठन-पाठन तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों को एक ग्लोबल लर्नर के रूप में तैयार करना होता है।

समारोह का सामाजिक प्रभाव
इस प्रकार के आयोजनों से न केवल शिक्षकों को पहचान मिलती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी जाता है कि शिक्षा का असली नायक वही है जो भविष्य को संवारता है। समारोह में अभिभावकों और छात्रों की उत्साहजनक भागीदारी ने यह सिद्ध किया कि जब शिक्षक को समाज सम्मान देता है, तो शिक्षा का स्तर अपने आप ऊंचा होता है। समारोह में मौजूद शिक्षकों ने भी इस आयोजन की सराहना की और कहा कि ऐसे सम्मान से उन्हें और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

संस्था का उद्देश्य और भविष्य की दिशा
चिल्ड्रन वेल्फेयर एसोसिएशन का उद्देश्य निजी शिक्षकों को एक संगठित मंच प्रदान करना है, जहाँ उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाए और उनके हितों की रक्षा हो। संस्था अब प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनार, विचार गोष्ठियों और डिजिटल लर्निंग वर्कशॉप के आयोजन की दिशा में भी कार्य कर रही है। राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. एस. पी. वर्मा ने कहा:

“अगले चरण में हम जिलावार ‘टीचिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम’ शुरू करेंगे, जिसमें शिक्षकों को नई तकनीकों, मूल्य शिक्षा और समावेशी शिक्षा के मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।”

निष्कर्ष
प्रत्युष कुमार की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब एक शिक्षक पूरे समर्पण और ईमानदारी से कार्य करता है, तो वह न केवल अपने विद्यालय, बल्कि पूरे समाज में प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। उनकी यह उपलब्धि रोहतास जिले और बाल वाटिका विद्यालय दोनों के लिए गौरव की बात है और यह आने वाले शिक्षकों के लिए एक उदाहरण है।


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