अमरोहा | 16 जून 2025:
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रजबपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत अतरासी गांव में सोमवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। इस दर्दनाक हादसे में चार महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक पुरुष समेत नौ अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं। धमाका इतना ज़ोरदार था कि इसकी आवाज़ एक किलोमीटर तक सुनी गई और आसपास का इलाका दहल उठा।
फैक्ट्री में अचानक लगी आग के चलते बारूद में विस्फोट हो गया, जिससे दो टीनशेड भवनों में काम कर रहीं मजदूर महिलाएं उसकी चपेट में आ गईं। घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पताल और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोपहर करीब 12:15 बजे फैक्ट्री से अचानक जोरदार धमाके की आवाज़ आई। धमाका इतना तीव्र था कि आसपास के खेतों और गांवों में लोगों की भीड़ जमा हो गई। धुएं के गुबार और आग की लपटें दूर से देखी जा सकती थीं।

अतरासी गांव के पास खेतों के बीच बनी यह पटाखा फैक्ट्री शादी-बारात के दौरान छोड़े जाने वाले बारूद के गोले और अन्य आतिशबाजी उत्पाद तैयार करती थी। फैक्ट्री में काम करने वाली लगभग 15-20 महिलाएं रोज़ाना बारूद से जुड़े कार्यों में लगी रहती थीं।
चार महिलाओं की मौके पर मौत
इस हादसे में चार महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान अभी नहीं हो सकी है, लेकिन प्रशासन ने उनके परिजनों को सूचित कर दिया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। झुलसे नौ लोगों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें मेरठ रेफर किया गया है।
झुलसे लोगों के नामों की पुष्टि प्रशासन द्वारा की जा रही है।
फैक्ट्री की वैधता और मालिक की जानकारी
यह फैक्ट्री अतरासी गांव के रहने वाले बिलाल की जमीन पर हापुड़ के सैफउर्ररहमान ने ठेके पर लेकर लगाई थी। सैफउर्ररहमान भंडा पट्टी, थाना नगर कोतवाली क्षेत्र, हापुड़ का निवासी है। फैक्ट्री का पंजीकरण भी सैफउर्ररहमान के नाम पर है।
फैक्ट्री में दो टिनशेड वाले भवन बने थे जहां आतिशबाज़ी बनाई जाती थी। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा था या नहीं।
प्रशासन का रुख
घटना की सूचना मिलते ही जिला अधिकारी (DM) निधि गुप्ता वत्स और पुलिस अधीक्षक (SP) अमित कुमार आनंद मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण किया और घायलों को प्राथमिक उपचार दिलाने के आदेश दिए।
डीएम निधि गुप्ता ने कहा:
“घटना की गंभीरता को देखते हुए फैक्ट्री के पंजीकरण, सुरक्षा मानकों और कार्य पद्धति की जांच के आदेश दिए गए हैं। घायलों का समुचित इलाज करवाया जा रहा है और मृतकों के परिजनों को जल्द मुआवजा दिलाया जाएगा।”
धमाके की गूंज और ग्रामीणों की दहशत
धमाके की आवाज़ एक किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। आसपास के इलाकों के लोगों का कहना है कि इस फैक्ट्री को लेकर पहले भी कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया:
“यह फैक्ट्री पहले भी कई बार विस्फोटों और सुरक्षा खतरों को लेकर चर्चाओं में रही है। यहां महिलाएं बिना पर्याप्त सुरक्षा के काम करती थीं।”
मुआवजा और जांच की मांग
घटना के बाद से पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा मिले और घायलों का मुफ्त इलाज कराया जाए। साथ ही, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।
स्थानीय विधायक ने कहा:
“यह बहुत ही दर्दनाक हादसा है। ऐसी अवैध या लापरवाह फैक्ट्रियों को तुरंत बंद करना चाहिए। मैं इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाऊंगा।”
क्या कहता है कानून?
विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखा निर्माण में सख्त मानक लागू हैं। आतिशबाज़ी निर्माण स्थलों पर अग्निशमन, सुरक्षा गार्ड, सीमित कर्मचारी और सुरक्षात्मक पोशाक अनिवार्य है। यदि फैक्ट्री इन मानकों का पालन नहीं कर रही थी, तो इसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने फिलहाल फैक्ट्री मालिक सैफउर्ररहमान की तलाश शुरू कर दी है। घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) भी गठित किया जा सकता है। फैक्ट्री के दस्तावेज़, लाइसेंस, बारूद का भंडारण और मजदूरों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
निष्कर्ष
अमरोहा का यह हादसा फिर से इस ओर इशारा करता है कि कैसे ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर मौत की फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। अब ज़रूरत है कि प्रशासन कठोर कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।