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बाली ज्वालामुखी विस्फोट: एअर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली लौटी

नई दिल्ली, 18 जून 2025
इंडोनेशिया के बाली द्वीप के पास ज्वालामुखी विस्फोट के कारण मंगलवार रात एअर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान को बीच रास्ते से ही दिल्ली लौटना पड़ा। फ्लाइट बाली के डेनपसार एयरपोर्ट की ओर जा रही थी, लेकिन विस्फोट के चलते वहां का हवाई यातायात बाधित हो गया।

एअर इंडिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उड़ान को वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड कराया गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें फिलहाल एयरलाइन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है।

🌋 क्या हुआ बाली में?

बाली के पास स्थित माउंट अगुंग नामक सक्रिय ज्वालामुखी में मंगलवार देर शाम भीषण विस्फोट हुआ। इस विस्फोट के चलते बड़े पैमाने पर राख और धूल का गुबार आसमान में फैल गया। इंडोनेशिया की ज्वालामुखी एजेंसी ने रेड अलर्ट जारी करते हुए हवाई यातायात को रोकने की सिफारिश की।

इससे न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी असर पड़ा, जिनमें दिल्ली से डेनपसार के लिए उड़ान भर रही एअर इंडिया की फ्लाइट भी शामिल थी।

एअर इंडिया की फ्लाइट को क्यों लौटना पड़ा?

एअर इंडिया ने अपने बयान में कहा:

“बाली एयरस्पेस में राख और वायुमंडलीय गड़बड़ी के चलते एयर ट्रैफिक कंट्रोल से फ्लाइट लैंडिंग की अनुमति नहीं मिल सकी। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए फ्लाइट को दिल्ली वापस लाने का फैसला लिया गया।”

सूत्रों के मुताबिक, उड़ान करीब 5 घंटे की दूरी तय कर चुकी थी जब पायलट को बाली एयरपोर्ट से अपडेट मिला कि लैंडिंग संभव नहीं है। इसके बाद उड़ान को यूपीएटीसी के निर्देशों के तहत दिल्ली लौटाया गया।

👥 यात्रियों में चिंता, लेकिन कोई हताहत नहीं

फ्लाइट में सवार यात्रियों ने बताया कि जब उन्हें पायलट द्वारा सूचना दी गई कि विमान वापस दिल्ली जा रहा है, तो शुरुआती क्षणों में हल्की गड़बड़ी और घबराहट देखी गई। हालांकि, क्रू मेंबर्स ने यात्रियों को शांत किया और पूरा सफर सुरक्षित रूप से संपन्न हुआ।

एक यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“हमने बाली की तैयारी कर रखी थी, लेकिन फ्लाइट वापस लौट आई। शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं। एयर इंडिया का क्रू शानदार था।”

📢 एयरलाइन ने यात्रियों के लिए क्या किया?

  • एअर इंडिया ने सभी यात्रियों के लिए:
  • होटल में ठहरने की व्यवस्था की
  • भोजन और ट्रांसपोर्ट की सुविधा
  • अगले फ्लाइट अपडेट की नियमित जानकारी

इसके अलावा, एयरलाइन ने यात्रियों से संयम बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, नई उड़ान की सूचना दी जाएगी।

🌍 क्या अन्य उड़ानें भी प्रभावित हुईं?

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बाली के डेनपसार एयरपोर्ट ने एक अस्थायी नो-फ्लाई ज़ोन घोषित कर दिया है। इसके कारण न केवल भारत बल्कि ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड से आने-जाने वाली कई उड़ानों को या तो डायवर्ट किया गया या कैंसल कर दिया गया है।

इंडोनेशिया की मौसम एजेंसी के अनुसार, ज्वालामुखी विस्फोट से 5 से 6 किमी की ऊँचाई तक राख का गुबार फैल चुका है, जो विमानों के इंजनों के लिए घातक हो सकता है।

🔍 विशेषज्ञों की क्या राय?

वायुमंडलीय वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्वालामुखी से निकली राख विमान के इंजन में जाकर उन्हें क्षति पहुंचा सकती है। इसी कारण, ज्वालामुखी के पास के हवाई क्षेत्र को तुरंत खाली करने की सख्त सिफारिश की जाती है।

पूर्व पायलट और एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन मोहन कुमार के अनुसार:

“यह एक बेहद समझदारी भरा निर्णय है। ऐसी परिस्थितियों में किसी भी प्रकार की जोखिम नहीं ली जा सकती। एयर इंडिया का यह कदम सुरक्षित एविएशन की मिसाल है।”

📅 अब आगे क्या?

एयरलाइन और बाली अथॉरिटीज़ स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।

यात्रियों को SMS और ईमेल के जरिए अपडेट दिया जाएगा।

जैसे ही एयरस्पेस खुलता है, यात्रियों को पुनः रबुकिंग की सुविधा दी जाएगी।

यात्रियों के लिए सलाह:

  1. बाली की यात्रा पर जाने वाले यात्री अपनी एयरलाइन से अपडेट लेते रहें।
  2. यदि बुकिंग की है, तो वेबसाइट पर जाकर फ्लाइट स्टेटस चेक करें।
  3. ट्रैवल इंश्योरेंस वालों को इस तरह की प्राकृतिक आपदा में क्लेम का अधिकार हो सकता है, विवरण जरूर पढ़ें।

🛑 क्या पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं?

जी हां। साल 2017 और 2018 में भी बाली के माउंट अगुंग में विस्फोट हुए थे, जिसके चलते कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा था। ज्वालामुखीय क्षेत्रों में हवाई यातायात को अक्सर ऐसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष

Air India द्वारा उठाया गया यह कदम एक सुरक्षित उड़ान संचालन का बेहतरीन उदाहरण है। यात्रियों की जान जोखिम में डालने के बजाय, फ्लाइट को समय रहते वापस लाना एक समझदारी भरा निर्णय था।

हालांकि यह घटना यात्रियों की योजना को जरूर प्रभावित करती है, लेकिन जान से बड़ा कुछ नहीं। एयरलाइन का समय पर निर्णय, यात्री सुरक्षा और पारदर्शिता की नीति वाकई सराहनीय है।

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