पटना: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार की राजधानी पटना में आयोजित एक भव्य सनातन महासभा के दौरान यह बड़ा ऐलान किया कि अब बिहार में भी बागेश्वर मठ की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मठ सनातन धर्म, राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित होगा। गांधी मैदान में हुए इस आयोजन में देशभर से 500 से अधिक साधु-संतों और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से कहा, “बिहार की धरती पावन है, यह ऋषि-मुनियों, संतों और राष्ट्रनायकों की भूमि रही है। इसका कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि अब बिहार में भी बागेश्वर मठ बनेगा जो धर्म और समाज सेवा को समर्पित रहेगा।”
इस कार्यक्रम में गुरु रामभद्राचार्य समेत अनेक प्रमुख संतों की उपस्थिति रही। आयोजकों ने बताया कि बागेश्वर मठ की स्थापना पटना में की जाएगी, जिससे बिहार के लोगों को सनातन संस्कृति से सीधे जुड़ने का अवसर मिलेगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल राजनीति से प्रेरित नहीं है। उन्होंने कहा, “हम यहां राजनीति के लिए नहीं, रामनीति के लिए आए हैं। सनातन धर्म को मजबूत करने और राष्ट्रवाद की भावना को जगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद वे पूरे राज्य में पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा जातिवाद से परे होगी और केवल राष्ट्रवाद, सनातन संस्कृति और सामाजिक एकता को समर्पित होगी।
अपने ओजस्वी भाषण में उन्होंने कहा, “अगर हिंदू राष्ट्र की शुरुआत होगी, तो वह बिहार से होगी। यह वह भूमि है जिसने पूरे भारत को दिशा दी है। पटना से हम एक नई रामधुन शुरू करेंगे जो नफरत नहीं, प्रेम और परंपरा की बात करेगी।”
उन्होंने समाज में हो रहे बदलावों और सांस्कृतिक टकराव पर भी टिप्पणी की। शास्त्री बोले, “कुछ लोग तिरंगे में चांद देखना चाहते हैं, लेकिन हम चांद पर तिरंगा देखना चाहते हैं। यह राष्ट्र सनातन विचारों से बना है और इसे कोई तोड़ नहीं सकता।”
इस पूरे आयोजन के दौरान शांति, श्रद्धा और उत्साह का माहौल बना रहा। गांधी मैदान में दूर-दूर से आए श्रद्धालु अपने आराध्य धीरेंद्र शास्त्री की एक झलक पाने के लिए उमड़े। आयोजन समिति ने बताया कि बिहार में बागेश्वर मठ की स्थापना से धर्म और सामाजिक कार्यों को बल मिलेगा।
जानकारों के अनुसार, यह मठ एक बहुउद्देशीय संस्था के रूप में कार्य करेगा, जहां भजन, कथा, शिक्षा, गौशाला, अन्न क्षेत्र और सेवा कार्यों के माध्यम से समाज को जागरूक किया जाएगा।
बिहार के धार्मिक और सांस्कृतिक जगत में इस मठ की स्थापना को एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे राज्य में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पटना पहले से ही पाटलिपुत्र जैसी ऐतिहासिक पहचान रखता है और अब बागेश्वर मठ इसे और मजबूत करेगा।
राजनीतिक हलकों में भी इस घोषणा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ विपक्षी नेताओं ने जहां इस पहल को धर्म की आड़ में राजनीति कहकर आलोचना की, वहीं समर्थकों का कहना है कि यह राज्य के सांस्कृतिक गौरव को फिर से स्थापित करने का प्रयास है।
धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आगमन और उनके बयानों ने जहां धार्मिक श्रद्धालुओं को एक नई दिशा दी है, वहीं बागेश्वर मठ की स्थापना की योजना ने पूरे राज्य में नई उम्मीदें जगा दी हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पहल समाज और राजनीति पर कैसा प्रभाव डालती है।