बिक्रमगंज (रोहतास):
बिहार के युवा एथलीटों के लिए एक सुनहरा मौका फिर से दस्तक दे रहा है। बिहार एथलेटिक्स संघ और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही 91वीं राज्यस्तरीय ओपन एथलेटिक्स प्रतियोगिता की तैयारी जोरों पर है। इस प्रतियोगिता के लिए जिला स्तरीय चयन ट्रायल 29 और 30 जून को बिक्रमगंज के इंटर स्तरीय खेल मैदान में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल प्रतिभाओं को पहचान देने का अवसर है, बल्कि उनके भविष्य को नई दिशा देने वाला मंच भी बन सकता है।

एथलीटों के लिए सुनहरा अवसर
बिक्रमगंज उप-मंडल में पहली बार इतने बड़े स्तर पर एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिससे स्थानीय खेल प्रतिभाओं में खासा उत्साह है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेता खिलाड़ियों को राज्यस्तरीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिलेगा, जो राज्यभर से चयनित खिलाड़ियों को एक मंच पर लाएगा।
बिहार राज्य एथलेटिक्स संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, यह प्रतियोगिता बालक एवं बालिका दोनों वर्गों में विभिन्न ट्रैक एवं फील्ड इवेंट्स जैसे — 100 मीटर दौड़, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंक, भाला फेंक, चक्का फेंक, रिले रेस आदि में आयोजित की जाएगी।
जिला प्रशासन और खेल प्राधिकरण की सक्रिय भूमिका
बिक्रमगंज में आयोजित होने वाली इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय खेल समितियां पूरी तरह सक्रिय हैं। खेल प्राधिकरण की टीम द्वारा मैदान की सफाई, ट्रैक की मार्किंग, खेल सामग्री की उपलब्धता और खिलाड़ियों के ठहरने व खानपान की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आयोजन स्थल पर मेडिकल सहायता, प्राथमिक उपचार, जलपान स्टॉल, और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
बिक्रमगंज बीडीओ कार्यालय और खेल प्रशिक्षकों की मदद से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के प्रतिभागियों को आमंत्रित किया गया है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों पंजीकरण विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रतियोगिता की पारदर्शिता सुनिश्चित
बिहार राज्य एथलेटिक्स संघ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित होगी। हर इवेंट में विजेता खिलाड़ियों को प्रमाणपत्र और मेडल दिए जाएंगे, साथ ही उन्हें राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नामांकित किया जाएगा।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय संयोजक ने जानकारी दी कि “राज्यस्तरीय चयन का यह जिला चरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी से हमें वो प्रतिभाशाली एथलीट मिलते हैं, जिन्हें आगे जाकर राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा सकता है। बिक्रमगंज जैसे छोटे शहरों में भी अपार प्रतिभा है और यह आयोजन उन्हें सामने लाने का अवसर देगा।”
स्थानीय खिलाड़ियों में उत्साह, अभिभावकों में उम्मीद
बिक्रमगंज व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ी इन दो दिनों की प्रतियोगिता को लेकर खासे उत्साहित हैं। कई प्रतिभागियों ने बताया कि वे पिछले कई हफ्तों से अभ्यास कर रहे हैं और पहली बार इतने बड़े आयोजन में हिस्सा लेने का मौका उन्हें मिला है।
स्थानीय कोच मनोज कुमार ने बताया कि “हमारे यहां कई ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जिनके पास भरपूर प्रतिभा है, लेकिन उन्हें सही मंच नहीं मिलता। यह प्रतियोगिता उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएगी।”
अभिभावक वर्ग भी बच्चों के इस जुनून में उनका पूरा सहयोग कर रहा है। स्कूल स्तर पर भी शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रतियोगिता के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
खेल से सामाजिक बदलाव की ओर कदम
बिक्रमगंज जैसे छोटे कस्बों में इस तरह के आयोजनों का एक सामाजिक महत्व भी है। खेल आयोजन से न केवल युवाओं में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ती है, बल्कि यह उन्हें नशामुक्ति, अनुशासन और फिटनेस की दिशा में भी प्रेरित करता है। स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों का कहना है कि अगर इस तरह के आयोजन नियमित होते रहें, तो बिक्रमगंज खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान बना सकता है।
प्रशासनिक अपील और सुरक्षा प्रबंधन
आयोजन के दौरान जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, और भीड़ नियंत्रण जैसी व्यवस्थाओं का निर्देश जारी किया है। दर्शकों से भी अपील की गई है कि वे आयोजन स्थल पर शांति और स्वच्छता बनाए रखें।
समापन समारोह में होगी खास मौजूदगी
प्रतियोगिता के समापन समारोह में जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और खेल विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे। विजेता खिलाड़ियों को मेडल व प्रमाणपत्र सौंपे जाएंगे, और राज्यस्तरीय चैंपियनशिप के लिए उनका नामांकन वहीं से किया जाएगा।
निष्कर्ष:
बिक्रमगंज की धरती अब एथलेटिक्स प्रतिभाओं के लिए तैयार है। 29-30 जून को आयोजित होने वाली यह प्रतियोगिता न केवल खिलाड़ियों के हुनर को पहचानने का मौका है, बल्कि उनके भविष्य के दरवाजे खोलने वाला एक अहम पड़ाव भी है। बिहार सरकार और खेल प्राधिकरण की यह पहल राज्य के खेल परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।