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मानसून में खो जाइए! आंध्रप्रदेश के ईस्टर्न घाट की 4 अद्भुत जलप्रपातों की रोमांचक सैर

विशाखापत्तनम | जून 2025:
मानसून आते ही आंध्रप्रदेश के पूर्वी घाट (Eastern Ghats) का नज़ारा बिल्कुल बदल जाता है। बारिश की बूँदों से भीगी पहाड़ियाँ, हरियाली से लिपटी वादियाँ, और उन पर से गिरते झरनों की कलकल करती आवाज़ — ये सब मिलकर एक ऐसा अनुभव देते हैं, जिसे शब्दों में बांधना मुश्किल है। यदि आप इस मानसून में कहीं घूमने का मन बना रहे हैं, तो आंध्रप्रदेश के ये 4 झरने आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकते हैं।

पूर्वी घाट न केवल जैवविविधता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि यहां की जलप्रपात श्रृंखलाएं भी मानसून में जीवंत हो उठती हैं। आइए जानें उन चार शानदार झरनों के बारे में जो मानसून में और भी खूबसूरत हो जाते हैं।

  1. Katiki Waterfalls – अराकू घाटी की गोद में बसा सौंदर्य

स्थान: विशाखापत्तनम ज़िला
ऊंचाई: लगभग 50 फीट

अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो कटिकी वॉटरफॉल्स आपके लिए एकदम उपयुक्त है। यह झरना बोर्रा गुफाओं से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी ट्रैकिंग करनी पड़ती है। लेकिन जैसे ही आप झरने के पास पहुंचते हैं, तो उसके ठंडे और शुद्ध जल की फुहारें सारी थकान को पल भर में दूर कर देती हैं।

मानसून के मौसम में कटिकी जलप्रपात अपने पूरे वेग में बहता है और आसपास की हरियाली के बीच यह दृश्य postcard जैसा लगता है।

टिप: यहां आने के लिए अपने साथ अच्छे ट्रैकिंग शूज़ और एक वाटरप्रूफ जैकेट जरूर रखें।

  1. Duduma Waterfalls – झरने से गिरती बिजली जैसी धारा

स्थान: ओडिशा-आंध्र सीमा
ऊंचाई: 175 मीटर (575 फीट)

Duduma झरना सतही रूप से एक विद्युत परियोजना (Hydel Power Project) का हिस्सा भी है, लेकिन मानसून के समय यह झरना अपना प्राकृतिक रूप दिखाता है। यह झरना माछकुंद नदी पर स्थित है और जब बारिश का पानी बढ़ता है, तब यह झरना दो धाराओं में बंट जाता है — एक ओडिशा की ओर और दूसरी आंध्रप्रदेश की ओर।

झरने की गूंजती आवाज़ और तेज बहाव आपको इसकी ताकत का अहसास कराती है। यहां आसपास रहने वाली आदिवासी जनजातियाँ जैसे बोंडा और गदबा, अपने पारंपरिक लोकनृत्य और गीतों से इस स्थान को और भी जीवंत बना देती हैं।

  1. Talakona Waterfalls – सबसे ऊंचा, सबसे पवित्र

स्थान: श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क, चित्तूर
ऊंचाई: लगभग 270 फीट

Talakona न केवल आंध्रप्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात है, बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि यहां का जल औषधीय गुणों से भरपूर है, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है।

यह जलप्रपात श्री वेंकटेश्वर वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है, जहां मानसून में हरियाली अपने चरम पर होती है। यहां के घने जंगल, पक्षियों की चहचहाहट और झरने की आवाज़ मिलकर एक मेडिटेटिव अनुभव देते हैं।

टिप: यहां पर्यावरण-संवेदनशील यात्रा के नियमों का पालन करें और प्लास्टिक का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।

  1. Ethipothala Waterfalls – नर्म जल की गूंजती शक्ति

स्थान: नागार्जुन सागर के पास, गुंटूर ज़िला
ऊंचाई: 70 फीट

एथीपोताला जलप्रपात तीन धाराओं के संगम से बनता है — चंद्रावंका, नक्कलावागु और तल्ला वागु। मानसून में ये धाराएं जब एकजुट होती हैं, तो ये एक आकर्षक जलप्रपात में परिवर्तित हो जाती हैं।

यह झरना न केवल पर्यटकों का ध्यान खींचता है, बल्कि यहां पास ही एक प्राचीन गुफा मंदिर भी स्थित है, जो धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। साथ ही, यह क्षेत्र मगरमच्छों के संरक्षण के लिए भी जाना जाता है।

प्राकृतिक सौंदर्य से भी बढ़कर है इन झरनों की संस्कृति

इन जलप्रपातों की खास बात सिर्फ उनका दृश्य नहीं है, बल्कि इनके साथ जुड़ी कहानियां, संस्कृति और प्रकृति से गहरा जुड़ाव भी है। यहां रहने वाली जनजातियाँ मानसून को एक त्योहार की तरह मनाती हैं। लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक खानपान यहां के अनुभव को और भी समृद्ध बनाते हैं।

कैसे पहुंचे?

  • विशाखापत्तनम: कटिकी और डूडूमा झरनों के लिए सबसे नज़दीकी बड़ा शहर।
  • तिरुपति: तलकोना जलप्रपात तक पहुंचने के लिए तिरुपति से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
  • गुंटूर/हैदराबाद: एथीपोतला झरने के लिए नागार्जुन सागर सबसे नज़दीकी प्रमुख स्थान है।

यात्रा के सुझाव:

  • मानसून में सड़कों पर फिसलन होती है, इसलिए सतर्कता बरतें।
  • ट्रैकिंग करें तो ग्रुप में जाएं।
  • स्थानीय गाइड की मदद लें, खासकर घने जंगलों वाले इलाकों में।
  • इको-टूरिज्म का सम्मान करें — प्लास्टिक न फेंके, प्रकृति को नुकसान न पहुँचाएं।

निष्कर्ष:

आंध्रप्रदेश के पूर्वी घाट मानसून के समय प्रकृति की गोद में जाने का एक बेहतरीन मौका देते हैं। चाहे आप ट्रैकिंग के शौकीन हों, नेचर फोटोग्राफर हों या शांति की तलाश में घूमने वाले यात्री — इन झरनों की यात्रा आपको कभी न भूलने वाला अनुभव दे सकती है।

इस मानसून, अपने शहर की भीड़-भाड़ से निकलकर इन प्राकृतिक चमत्कारों की ओर एक छोटी सी यात्रा ज़रूर करें।

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