
पुरुलिया (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में गुरुवार को हुए एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा तब हुआ जब एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने बोलेरो गाड़ी को टक्कर मार दी, जिसमें शादी समारोह से लौट रहे लोग सवार थे। हादसा इतना भीषण था कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए और सभी यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा
यह दुर्घटना जमशेदपुर-पुरुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग-18 पर स्थित बलरामपुर थाना क्षेत्र के नामशोल इलाके में हुई। बोलेरो में सवार सभी लोग शादी समारोह से लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ट्रक की गति अत्यधिक तेज थी और वह अनियंत्रित होकर सीधे बोलेरो पर चढ़ गया।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बोलेरो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार किसी को भी बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। स्थानीय लोगों की मदद से जब तक पुलिस पहुंची, तब तक सभी 9 यात्रियों की जान जा चुकी थी। शवों को बमुश्किल बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
शवों की पहचान और पीड़ितों का गांव
पुलिस ने मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सभी मृतक एक ही गांव के रहने वाले थे और किसी पारिवारिक शादी में शामिल होकर लौट रहे थे। गांव में मातम पसरा है और हर घर में शोक की लहर है। परिजन और ग्रामीण हादसे की खबर मिलते ही अस्पताल और घटनास्थल की ओर दौड़े चले आए।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
बलरामपुर थाना पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है, जबकि हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि बोलेरो वाहन भी अवैध रूप से अधिक यात्रियों को लेकर चल रहा था, जिसकी भी जांच की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने घायलों के परिवार को सहायता देने की घोषणा की है और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने जताया शोक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पुरुलिया में हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति मैं गहरी संवेदना प्रकट करती हूं। शोकसंतप्त परिवारों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। स्थानीय प्रशासन से राहत और मुआवज़ा सुनिश्चित करने को कहा गया है।”
बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता
यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि आखिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्पीड लिमिट, ट्रैफिक नियमों और सुरक्षा उपायों का पालन क्यों नहीं हो पा रहा है? NH-18 पहले से ही कई हादसों के लिए बदनाम है और स्थानीय लोगों ने पहले भी कई बार स्पीड कंट्रोल के लिए मांग की थी।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. रंजीत मुखर्जी कहते हैं, “राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर NH-18 जैसे खतरनाक मार्गों पर सीसीटीवी निगरानी, स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए। अधिकतर हादसे तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण होते हैं।”
🔴 निष्कर्ष
पुरुलिया में हुआ यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार कैसे एक झटके में कई परिवारों की खुशियाँ छीन सकती है। अब वक्त आ गया है कि राज्य प्रशासन सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू किया जाए।