नई दिल्ली | 12 जून 2025: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को 2026 में वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की जो उम्मीद थी, अब उस पर सस्पेंस गहराने लगा है। सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को लेकर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, इसी साल की शुरुआत में सरकार ने संकेत दिए थे कि 2026 तक नया वेतन आयोग गठित कर दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा हालात और प्रक्रियात्मक देरी को देखते हुए यह लक्ष्य कठिन नजर आ रहा है।
वेतन आयोग की घोषणा में देरी का असर

सरकारी कर्मचारियों को हर दस साल में वेतन संशोधन का लाभ मिलता है, जो 7वें वेतन आयोग के बाद 2026 में होना तय था। लेकिन 8वें वेतन आयोग को लेकर न ही कोई अधिसूचना जारी हुई है, और न ही कोई ठोस समयसीमा बताई गई है। ऐसे में 2026 में वेतन और पेंशन बढ़ने की संभावना फिलहाल धूमिल होती दिख रही है।
क्या कहता है सरकार का रुख?
हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से 35 स्टाफ पदों के लिए प्रतिनियुक्ति परिपत्र (Deputation Circular) ज़रूर जारी किया गया है, जो वेतन आयोग के लिए आवश्यक प्रारंभिक तैयारियों का हिस्सा माना जा सकता है। लेकिन आयोग के गठन के लिए कैबिनेट से मंजूरी और विस्तृत टर्म्स ऑफ रेफरेंस का जारी होना अभी बाकी है।
वित्तीय भार भी एक बड़ी वजह
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार पर पहले से ही पेंशन, सब्सिडी और सामाजिक योजनाओं का भारी वित्तीय दबाव है। ऐसे में नए वेतन आयोग के तहत वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी करने से केंद्र को हर साल हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। इस वजह से सरकार इसे टाल सकती है या किस्तों में लागू करने का रास्ता चुन सकती है।
कर्मचारी संगठनों में नाराजगी
8वें वेतन आयोग की देरी से सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मियों में नाराजगी बढ़ रही है। कर्मचारी संगठन इस मुद्दे को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार से बातचीत की तैयारी में हैं। कई संगठनों ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार समय पर आयोग का गठन नहीं करती, तो वे विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
क्या है वेतन आयोग का महत्व?
भारत सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग गठित करती है, ताकि महंगाई और जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित किया जा सके। 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था, और इसी आधार पर 2026 में अगला संशोधन तय माना जा रहा था। लेकिन अब इस पर संदेह गहरा गया है।
निष्कर्ष
फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। केवल पदों के लिए परिपत्र जारी करने से उम्मीदें जगी तो हैं, लेकिन औपचारिक गठन में देरी से कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की संभावनाएं 2026 तक अधर में लटकी नजर आ रही हैं। ऐसे में लाखों कर्मचारियों की नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।