नई दिल्ली/रियो डी जेनेरियो, 8 जुलाई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में हुए BRICS शिखर सम्मेलन में भारत की अगुवाई को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत 2026 में BRICS समूह को “नया स्वरूप” देने की दिशा में काम करेगा।

भारत अगले साल इस प्रभावशाली समूह की अध्यक्षता ब्राज़ील से ग्रहण करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे भारत ने G-20 की अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ यानी वैश्विक दक्षिण के मुद्दों को प्राथमिकता दी, वैसे ही BRICS के भविष्य को भी मानवता पहले (Humanity First) के मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “BRICS आज वैश्विक बहुपक्षीय व्यवस्था का अहम स्तंभ बन चुका है। भारत इसका नेतृत्व करते हुए इसे और प्रभावशाली, समावेशी और भविष्य उन्मुख बनाने का प्रयास करेगा।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत के नेतृत्व में BRICS की कार्यशैली, प्राथमिकताएं और ढांचा कुछ हद तक बदलेगा ताकि यह अधिक व्यावहारिक और व्यापक रूप में सामने आए।
ब्राज़ील की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में सभी सदस्य देशों – ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस वर्ष BRICS में नए संभावित सदस्य देशों की भूमिका और वैश्विक राजनीति में इसकी बढ़ती प्रासंगिकता पर चर्चा की गई।
भारत सरकार के अनुसार, BRICS को नया स्वरूप देने का मतलब सिर्फ संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि इसके काम करने के तरीके, संवाद प्रणाली, साझेदारी के क्षेत्रों और वैश्विक मंचों पर इसकी प्रभावशीलता को नई दिशा देना भी है।
PM मोदी ने G-20 अध्यक्षता की तुलना करते हुए कहा, “भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मजबूती से उठाया। अब हम उसी भावना को BRICS में भी आगे बढ़ाएंगे – एकजुटता, समानता और साझा प्रगति के सिद्धांतों के साथ।”
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, प्रधानमंत्री का यह बयान BRICS को केवल एक आर्थिक या रणनीतिक मंच से ऊपर उठाकर एक मानवीय और समावेशी सहयोग मंच बनाने की दिशा में एक संकेत है।
मोदी सरकार पहले ही BRICS के डिजिटल सहयोग, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्टार्टअप्स और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जुड़ाव की योजना बना चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, भारत एक नया BRICS नवाचार मंच, डिजिटल पेमेंट नेटवर्क और स्टार्टअप नेटवर्क शुरू करने पर विचार कर रहा है।
भारत की अध्यक्षता 2026 में शुरू होगी, लेकिन उसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि नई दिल्ली BRICS को अधिक लोकतांत्रिक, विकेंद्रीकृत और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को प्रतिबिंबित करने वाला मंच बनाना चाहती है।
प्रधानमंत्री के संबोधन को भारत की विदेश नीति में एक नए दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है – जिसमें केवल रणनीतिक लाभ नहीं, बल्कि विकासशील देशों के लिए साझेदारी, समानता और नैतिक नेतृत्व को प्राथमिकता दी गई है।
निष्कर्ष:
PM मोदी का यह ऐलान भारत की वैश्विक भूमिका को और अधिक मजबूत करता है। 2026 में BRICS की कमान संभालते हुए भारत न केवल संगठन का नया स्वरूप तैयार करेगा, बल्कि उसे ऐसे मंच में बदलेगा जो पूरी दुनिया विशेषकर विकासशील देशों के लिए उम्मीद और समाधान का केंद्र बने।