लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (20 जुलाई, 2025) को कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के ज़रिए कांवड़ यात्रा की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सभी कांवड़ संघों से आह्वान किया कि वे ऐसे लोगों की पहचान करें और उन्हें बेनकाब करें।

योगी आदित्यनाथ लखनऊ में एक आयोजन के दौरान बोल रहे थे, जहां उन्होंने कहा, “हमें यह हमेशा ध्यान रखना होगा कि जहां उत्साह और उल्लास होता है, जहां श्रद्धा और भक्ति होती है, वहां कुछ तत्व उस उल्लास को भंग करने और उस भक्ति को बदनाम करने का प्रयास करते हैं।”
श्रद्धा को बदनाम करने की कोशिश: योगी
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब पूरे उत्तर भारत में सावन माह के दौरान कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य पवित्र स्थलों से जल लेकर शिवमंदिरों में चढ़ाने के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं।
योगी ने आगे कहा, “कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आस्था और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपने निजी एजेंडे के तहत इस पवित्र यात्रा को निशाना बना रहे हैं।”
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहें
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलाए जा रहे भ्रामक कंटेंट का ज़िक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग एडिट किए गए वीडियो, पुराने घटनाक्रम और झूठी खबरों के माध्यम से कांवड़ियों की छवि को खराब करने की साज़िश कर रहे हैं।
उन्होंने सभी कांवड़ संघों और स्थानीय प्रशासन से अपील की कि वे सतर्क रहें और ऐसे किसी भी कृत्य का जवाब तथ्यों के साथ दें।
कांवड़ यात्रा: आस्था और अनुशासन का संगम
कांवड़ यात्रा वर्षों पुरानी हिंदू परंपरा है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों—उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और हरियाणा—में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है।
हर साल सावन माह में लाखों कांवड़िए पैदल या बाइक, ट्रक आदि पर सवार होकर गंगा जल लेकर अपने-अपने गांव-शहर के शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए निकलते हैं। यात्रा के दौरान “बोल बम” के जयकारे और भक्ति गीतों से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
राज्य के सभी जिलों में पुलिस बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके अलावा हाईवे पर मेडिकल कैंप, जल वितरण केंद्र, अस्थायी शौचालय और विश्राम स्थल भी बनाए गए हैं।
असामाजिक तत्वों से निपटने की चेतावनी
योगी आदित्यनाथ ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा की आस्था को चोट पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। “जो लोग इस यात्रा में व्यवधान डालने या इसे बदनाम करने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “हर कांवड़ संघ को चाहिए कि वह सोशल मीडिया पर चल रहे प्रोपेगैंडा का जवाब सच्चाई और एकता से दे।”
धार्मिक सौहार्द और कानून का संतुलन
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक एकता, अनुशासन और सौहार्द का प्रतीक भी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर धर्म को अपने विश्वास और परंपराओं को मानने की आज़ादी है, लेकिन कोई भी इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके दूसरे की श्रद्धा को ठेस नहीं पहुंचा सकता।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में धर्म को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी हुई है और सोशल मीडिया कई बार फेक न्यूज़ और अफवाहों का माध्यम बन जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह आग्रह कि हर कांवड़ संघ सतर्क रहे और असामाजिक तत्वों को बेनकाब करे, काफी अहम माना जा रहा है।
कांवड़ यात्रा को लेकर जोश, आस्था और अनुशासन बना रहे—इसी संदेश के साथ मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपील की है।