दार्जिलिंग | 14 जून 2025
गर्मी की छुट्टियों और पर्यटकों की भीड़ ने दार्जिलिंग की ट्रैफिक व्यवस्था को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार को यात्रियों को घूम से दार्जिलिंग तक महज 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब ढाई घंटे का वक्त लग गया। हिल कार्ट रोड (NH110) पर गाड़ियों की रेंगती रफ्तार अब हर सीजन की आम तस्वीर बन चुकी है, लेकिन इस भीड़ को कम करने की योजनाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतरी हैं।
दार्जिलिंग को जोड़ने वाले चार प्रमुख मार्ग — सिलीगुड़ी, कालिम्पोंग/गंगटोक, मोंगपु और मिरिक — सभी घूम में आकर मिलते हैं, जहां से हिल कार्ट रोड होते हुए मुख्य शहर की ओर रास्ता जाता है। यह पूरा इलाका अब यातायात जाम का हॉटस्पॉट बन चुका है।

विकल्प की ज़रूरत लेकिन प्रगति नहीं
गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) ने इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए दो वैकल्पिक मार्गों के प्रस्ताव सरकार को सौंपे हैं, लेकिन इन पर विकास की रफ्तार बेहद धीमी है।
🛣 पहला प्रस्ताव:
लेबोंग से तीस्ता बाजार तक 35 किमी लंबी वैकल्पिक सड़क तैयार करने का प्लान है। यह मार्ग वर्तमान मुख्य सड़क से पूरी तरह अलग दिशा में होगा और घूम की ट्रैफिक समस्या को सिरे से दरकिनार करेगा।
🛣 दूसरा प्रस्ताव:
लेबोंग से थर्ड माइल तक 13 किमी लंबा मार्ग है जो पांडम और रंगरून चाय बागानों से होकर गुजरेगा। इस पर कुछ निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन संसाधनों की कमी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण काम अधूरा पड़ा है।
पर्यटकों को हो रही है भारी परेशानी
पर्यटक जो दार्जिलिंग की खूबसूरती और ठंडी आबो-हवा का आनंद लेने आते हैं, उन्हें सबसे पहले ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार दोपहर, एक पर्यटक ने बताया, “हमने सोचा था घूम से 15-20 मिनट में दार्जिलिंग पहुंच जाएंगे, लेकिन डेढ़ घंटे बीतने के बाद भी गाड़ी मुश्किल से कुछ किलोमीटर चली।”
इस प्रकार का अनुभव अब आम हो गया है, खासकर छुट्टियों और त्योहारों के दौरान जब हजारों वाहन इस पहाड़ी रास्ते पर इकट्ठा हो जाते हैं।
स्थानीय लोग भी परेशान
केवल पर्यटक ही नहीं, स्थानीय निवासी और व्यापारिक वर्ग भी इस समस्या से त्रस्त हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों, ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का रोज़ाना की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
एक होटल व्यवसायी ने कहा, “हमारे ग्राहकों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। कुछ लोग तो बुकिंग रद्द करके वापस लौट जाते हैं।”
सरकार की चुप्पी और राजनीतिक सवाल
GTA की ओर से प्रस्ताव भले ही दिए गए हों, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब या फंडिंग आश्वासन नहीं मिला है। इससे स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। एक जीटीए सदस्य ने कहा, “यह केवल ट्रैफिक की बात नहीं है, बल्कि पर्यटन, स्थानीय रोजगार और इकोनॉमी से जुड़ा मुद्दा है।”
निष्कर्ष
दार्जिलिंग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल में 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में ढाई घंटे का समय लगना साफ दर्शाता है कि यहां आधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन और बुनियादी सड़क ढांचे का अभाव है। जब तक वैकल्पिक मार्गों का निर्माण नहीं होता, तब तक हर छुट्टी का मौसम पर्यटकों और स्थानीयों के लिए एक यातायात त्रासदी ही बना रहेगा।