समस्तीपुर, बिहार – देश के युवाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रतिभा न उम्र देखती है और न सीमाएं। बिहार के समस्तीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले 17 वर्षीय रामजी ने एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है, जो न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। रामजी ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA (National Aeronautics and Space Administration) की वेबसाइट में एक गंभीर साइबर सुरक्षा खामी (bug) को खोज निकाला है, जिसके चलते उन्हें NASA के ‘Cyber Security Hall of Fame’ में स्थान मिला है।

तकनीक की दुनिया में धमाकेदार एंट्री
रामजी एक सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन उनकी रुचि बचपन से ही तकनीक और साइबर सिक्योरिटी में रही है। वे सेल्फ-लर्निंग के जरिए Ethical Hacking और Web Security के क्षेत्र में दक्ष हो चुके हैं। उन्होंने NASA की वेबसाइट में सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी खामी को ढूंढ निकाला और उसे जिम्मेदारीपूर्वक संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट किया।
NASA ने न केवल उनकी रिपोर्ट को स्वीकार किया, बल्कि उन्हें “Cyber Security Hall of Fame” में स्थान देकर सम्मानित भी किया। इस सूची में शामिल होना दुनिया के टॉप साइबर एक्सपर्ट्स के लिए भी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
NASA की सराहना और आधिकारिक पुष्टि
NASA की वेबसाइट पर बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत रामजी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को “Valid” करार दिया गया। उनकी खोज को उच्च प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया, जिससे यह साफ हो गया कि अगर समय रहते खामी नहीं पकड़ी जाती, तो NASA के डेटा को गंभीर खतरा हो सकता था।
NASA की ओर से भेजे गए आधिकारिक ईमेल में रामजी की सराहना की गई और उन्हें इस योगदान के लिए धन्यवाद दिया गया।
बिहार से साइबर हीरो बनने तक का सफर
रामजी का सफर आसान नहीं रहा। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने इंटरनेट और ऑनलाइन फोरम्स के माध्यम से तकनीकी ज्ञान अर्जित किया। जब अन्य छात्र पारंपरिक कोर्सेस में व्यस्त थे, रामजी गिटहब (GitHub), हैकरवन (HackerOne), और बगक्राउड (Bugcrowd) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हाथ आजमा रहे थे। उन्होंने वर्चुअल लैब्स में बार-बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी।
उनका कहना है, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि NASA जैसी संस्था मेरी रिपोर्ट को स्वीकार करेगी। लेकिन निरंतर अभ्यास और समर्पण ने यह संभव बनाया।”
भारत के लिए गर्व का क्षण
रामजी की इस उपलब्धि पर बिहार और देशभर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं। सोशल मीडिया पर कई IAS, UPSC और टेक्नोलॉजी पेजों ने उन्हें ‘Young Talent’ बताते हुए सम्मानित किया है। इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही एक पोस्ट में उन्हें “India’s Cyber Security Hero” बताया गया है।
साइबर सिक्योरिटी का बढ़ता महत्व
वर्तमान डिजिटल युग में साइबर सिक्योरिटी का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। NASA जैसी एजेंसियां भी बग बाउंटी प्रोग्राम्स के माध्यम से सुरक्षा विशेषज्ञों से मदद लेती हैं, ताकि उनकी साइट्स और सिस्टम्स को हैकिंग से बचाया जा सके। ऐसे में रामजी जैसे युवाओं का योगदान भविष्य में भारत को साइबर डिफेंस पावर बनने की दिशा में एक ठोस कदम है।
प्रेरणा युवाओं के लिए
रामजी का उदाहरण देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि अगर लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उनके मुताबिक, “कोडिंग और सिक्योरिटी सीखना कठिन है लेकिन नामुमकिन नहीं। हर फेलियर एक नया सबक देता है।”
वह आगे चलकर भारत सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रोजेक्ट्स में काम करना चाहते हैं और देश को साइबर अटैक्स से बचाने में योगदान देना चाहते हैं।
सरकार और शिक्षा संस्थानों से अपील
रामजी ने सरकार और शैक्षणिक संस्थानों से अपील की है कि वे साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र को मुख्यधारा में लाएं और अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध कराएं। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
रामजी की यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि भारत की युवा शक्ति और प्रतिभा का प्रतीक है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर जुनून हो, तो कोई भी मंच छोटा या बड़ा नहीं होता। NASA जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से मान्यता प्राप्त करना किसी भी युवा साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ के लिए सपना होता है, और रामजी ने यह सपना हकीकत में बदला।
बिहार का यह बेटा आज लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भारत से और भी रामजी निकलेंगे, जो देश का नाम वैश्विक मंचों पर रौशन करेंगे।