19 जून को लॉन्च होगा Axiom-4 मिशन, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान तय
ISRO और SpaceX के बीच ‘ऑक्सीजन लीक’ विवाद पर बोले विज्ञान मंत्री, लॉन्च को बताया ‘अनुसूचित’
नई दिल्ली | 16 जून 2025
भारत के अंतरिक्ष मिशन इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाले पहले निजी अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण “फिलहाल” 19 जून 2025 को निर्धारित है।
Axiom-4 मिशन को अमेरिकी कंपनी SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च फ्लोरिडा के Kennedy Space Center के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39-A से होगा।
- 🚀 मिशन की खास बातें:
- लॉन्च की तारीख: 19 जून 2025 (अनुमानित)
- स्थान: लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39-A, फ्लोरिडा
- रॉकेट: SpaceX Falcon 9
- स्पेसक्राफ्ट: Crew Dragon
- स्पेस एजेंसी: Axiom Space (निजी मिशन)
- अंतरिक्ष यात्री:
- डॉ. पेगी व्हिटसन (अमेरिका)
- शुभांशु शुक्ला (भारत)
- स्लावोस्ज उज्नांस्की (पोलैंड)
- टिबोर कापु (हंगरी)
🇮🇳 शुभांशु शुक्ला: भारत का नया अंतरिक्ष हीरो
उत्तर प्रदेश के रहने वाले शुभांशु शुक्ला इस मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय निजी यात्री होंगे। वे भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट रह चुके हैं और उन्होंने रूस व अमेरिका में विशेष अंतरिक्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

वह ISRO और Axiom Space के संयुक्त सहयोग से इस अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बने हैं। यह भारत के लिए एक गौरव का क्षण है क्योंकि अब देश की भागीदारी निजी अंतरिक्ष अभियानों में भी दिखने लगी है।
⚠ ऑक्सीजन लीक पर बवाल और सरकार की सफाई
8 जून को हुए एक इंजन परीक्षण के दौरान ऑक्सीजन रिसाव की सूचना से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई कि यह मिशन टल सकता है। परंतु विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और तकनीकी टीम ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया है।
उन्होंने कहा,
“ISRO और SpaceX दोनों ही उच्च स्तर की विश्वसनीयता रखते हैं। मीडिया में कुछ खबरें आईं कि इस परीक्षण के दौरान ISRO और SpaceX के बीच कुछ मतभेद हुए, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि ऐसा कुछ नहीं है। मिशन की लॉन्च डेट अभी भी 19 जून तय है।”
- 🛰 Axiom-4 मिशन का उद्देश्य
- Axiom Space के इस मिशन का उद्देश्य है:
- आईएसएस पर साइंटिफिक रिसर्च को बढ़ावा देना
- विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों को निजी स्पेस मिशन में शामिल करना
- भविष्य में वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में पहला कदम उठाना
यह मिशन लगभग 14 दिन का होगा जिसमें अंतरिक्ष यात्री जैविक, भौतिक और तकनीकी विषयों पर कई प्रयोग करेंगे।
📸 मिशन की तैयारियों की एक झलक
9 जून को Falcon 9 रॉकेट के पास सभी चारों अंतरिक्ष यात्रियों की तस्वीरें मीडिया के सामने आईं। NASA और SpaceX के अधिकारी तैयारियों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं।
Crew Dragon कैप्सूल को लॉन्च व्हीकल पर फिक्स कर दिया गया है और लॉन्च विंडो को मौसम के अनुसार अंतिम रूप दिया जाएगा।
🌐 भारत के लिए क्या है महत्व?
Axiom-4 मिशन भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि:
यह भारत की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कूटनीति को मजबूती देता है
निजी कंपनियों और सरकार के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को वैश्विक स्तर पर मौका मिलता है
Gaganyaan से पहले भारत को एक अनुभवजन्य मंच मिलता है
🤝 ISRO और Axiom Space की साझेदारी
ISRO के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, Axiom Space और भारत के बीच यह सहयोग भविष्य में और गहरा होगा। ISRO अपने खुद के मानवयुक्त मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है, और Axiom-4 जैसा मिशन भारतीय वैज्ञानिकों को आवश्यक अनुभव और तकनीकी समझ प्रदान करता है।
⏳ आगे क्या?
अब निगाहें 19 जून पर टिकी हैं। लॉन्च से पहले Crew Readiness Review, Static Fire Test और Weather Clearance जैसी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। यदि मौसम और तकनीकी स्थिति अनुकूल रही, तो शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करेंगे।
📲 निष्कर्ष
Axiom-4 सिर्फ एक स्पेस मिशन नहीं है, यह भारत की अंतरिक्ष शक्ति की वैश्विक मान्यता का प्रतीक बन रहा है। शुभांशु शुक्ला की उड़ान आने वाले समय में देश के युवाओं को प्रेरणा देगी और भारत की ‘न्यू स्पेस इकोनॉमी’ में नई दिशा प्रदान करेगी।