पटना, बिहार।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को बड़ी सौगात देते हुए देश के सबसे लंबे एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज — दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल के पहले फेज का लोकार्पण कर दिया। यह पुल पटना और राघोपुर को जोड़ने वाला पहला स्थायी पुल है, जो न केवल राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि करोड़ों लोगों की दिनचर्या को भी बेहद आसान बना देगा।
अब सिर्फ 5 मिनट में पटना से राघोपुर
इस पुल के चालू हो जाने से पटना और राघोपुर के बीच की दूरी जो पहले लंबा सफर मानी जाती थी, अब महज 5 मिनट में तय की जा सकेगी। खासकर बरसात के मौसम में राघोपुर के लोगों को जो आवागमन की कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती थीं, उनसे अब निजात मिलेगी।

यह पुल न केवल पटना को राघोपुर से जोड़ेगा, बल्कि इससे बिहार के कई अन्य जिलों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
क्या है इस पुल की खासियत?
- नाम: दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज
- लंबाई: देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज
- चौड़ाई: 32 मीटर
- डिजाइन स्पीड: 100 किलोमीटर प्रति घंटा
- टेक्नोलॉजी: आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक से निर्मित
- प्रमुख उद्देश्य: पटना से राघोपुर के बीच तेज और सुरक्षित आवागमन
यह ब्रिज गंगा नदी पर बनाया गया है और यह गंगा पर बनने वाला पहला स्थायी पुल होगा, जो सीधे तौर पर राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को राजधानी पटना से जोड़ेगा।
विकास के नए रास्ते खुलेंगे
विशेषज्ञों का मानना है कि इस ब्रिज के चालू हो जाने से न केवल लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी, बल्कि इसके जरिए स्थानीय व्यापार, कृषि उत्पादों की ढुलाई, आपातकालीन सेवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुंच भी सुलभ हो जाएगी।

दरगाह-बिदुपुर पुल: 5 मिनट में पटना से राघोपुर
राघोपुर जैसे इलाकों में जहां मानसून के दौरान बाढ़ और जलभराव के कारण अक्सर पटना से संपर्क टूट जाता था, वहां अब यह पुल जीवनरेखा का काम करेगा।
कितनी लागत आई?
इस मेगाप्रोजेक्ट के निर्माण में लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें एशियन डेवलपमेंट बैंक का वित्तीय सहयोग भी शामिल है, साथ ही राज्य सरकार ने भी एक बड़ी राशि ऋण और बजट सहायता के तौर पर प्रदान की है।
सीएम नीतीश कुमार का विजन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल के लोकार्पण अवसर पर कहा:
“यह केवल एक पुल नहीं, बल्कि बिहार के विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। हमारा लक्ष्य है कि राज्य के हर क्षेत्र को राजधानी से जोड़ा जाए ताकि समावेशी विकास हो।”
नीतीश कुमार की इस योजना को ‘7 निश्चय पार्ट 2’ योजना के तहत भी देखा जा रहा है, जिसमें बुनियादी ढांचे, सड़क, पुल, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
राघोपुर और आस-पास के ग्रामीणों में इस पुल के उद्घाटन को लेकर उत्साह का माहौल है। एक स्थानीय निवासी शिवकुमार यादव ने कहा:
“पहले हमें पटना जाने में घंटों लग जाते थे, अब 5 मिनट में पहुंच जाएंगे। हमारे बच्चों की पढ़ाई, इलाज और रोज़गार सब कुछ आसान हो जाएगा।”
एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज क्या होता है?
यह एक तरह का आधुनिक तकनीक आधारित पुल होता है जिसमें केबल सपोर्ट सिस्टम का उपयोग करके पुल के भार को संतुलित किया जाता है। यह तकनीक लंबे पुलों में अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है क्योंकि यह स्थिरता के साथ-साथ बेहतर एस्थेटिक्स भी प्रदान करती है।
निष्कर्ष
दरगाह-बिदुपुर एक्स्ट्रा डोज केबल पुल न केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक मील का पत्थर है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। पटना और राघोपुर के बीच की दूरी अब सिर्फ भौगोलिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी सिमट जाएगी।
यह पुल आने वाले वर्षों में बिहार के विकास की नई इबारत लिखेगा और लोगों को यह यकीन दिलाएगा कि बुनियादी ढांचे का सशक्तिकरण ही सशक्त राज्य की नींव है।