चमोली, उत्तराखंड | जून 23, 2025
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है। सोमवार सुबह चमोली जिले के पातालगंगा क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां पहाड़ से गिरे विशाल पत्थर की चपेट में एक कार आ गई। इस हादसे में कार सवार महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका पति और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
बारिश बनी हादसे की वजह
जानकारी के अनुसार, रविवार देर शाम से ही चमोली जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश हो रही थी। बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर कई स्थानों पर मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। सोमवार सुबह पातालगंगा के पास एक कार जैसे ही गुजर रही थी, तभी अचानक ऊपर से एक बड़ा पत्थर गिरा और सीधे वाहन पर आ गिरा।
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पत्थर गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि कुछ देर के लिए पूरे क्षेत्र में सन्नाटा छा गया।

मौके पर पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं। टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और कार में फंसे घायलों को बाहर निकाला। महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि उसका पति और बेटी गंभीर रूप से घायल थे। दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
मृत महिला की पहचान और परिवार का हाल
मृत महिला की पहचान सीमा देवी (45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो अपने पति अनिल कुमार और बेटी रिया (14 वर्ष) के साथ ऋषिकेश से बदरीनाथ दर्शन के लिए जा रही थीं। परिवार की यह धार्मिक यात्रा अचानक मातम में बदल गई।
स्थानीय प्रशासन ने मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों से संपर्क कर अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हाईवे की हालत बनी खतरनाक
बदरीनाथ हाईवे पर बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और चट्टानों के गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पातालगंगा, लामबगड़, और विष्णुप्रयाग जैसे क्षेत्रों में सड़कें मलबे से ढकी हुई हैं, जिससे आवाजाही अत्यंत जोखिमपूर्ण हो गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग के अलर्ट को गंभीरता से लें।
पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील
उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन ने बदरीनाथ की ओर जा रहे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को फिलहाल यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए, किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से बचाव के लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
SDRF की चेतावनी और तैयारी
एसडीआरएफ के प्रवक्ता ने बताया कि पूरे मार्ग पर निगरानी बढ़ा दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में टीमें तैनात हैं। घटनास्थल से मलबा हटाने का कार्य भी तेजी से जारी है ताकि मार्ग को यथाशीघ्र सुचारु बनाया जा सके।
स्थानीय लोगों में रोष और चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हर साल सिर्फ चेतावनी देकर जिम्मेदारी से बच जाता है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। इस तरह की घटनाएं ना केवल जानलेवा साबित होती हैं बल्कि पर्यटन व्यवसाय और धार्मिक यात्राओं को भी बाधित करती हैं।
निष्कर्ष
पातालगंगा में हुआ यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करते समय सतर्कता और मौसम की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है। बदरीनाथ जैसे धार्मिक स्थल की यात्रा श्रद्धा और आस्था का विषय है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारी और यात्रियों की जागरूकता दोनों ही जरूरी हैं।
प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे संवेदनशील मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।