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NDRF की टीम मोर्चा संभाले, झारखंड में बारिश से संकट

झारखंड/खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले में टोरपा के पास बने बनई नदी पर स्थित पुल गुरुवार को भारी बारिश के कारण ध्वस्त हो गया। इस हादसे ने खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग को पूरी तरह बाधित कर दिया है, जिससे आवागमन ठप हो गया और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यह पुल न केवल खूंटी और सिमडेगा के बीच यातायात का मुख्य जरिया था, बल्कि रांची समेत दक्षिणी झारखंड के कई जिलों को जोड़ने का अहम माध्यम भी था। भारी बारिश और उफनती बनई नदी ने पुल की नींव को कमजोर कर दिया, जिससे उसका एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर नदी में समा गया।

मौके की तस्वीरें वायरल, ट्रक फंसा पुल पर

घटना के तुरंत बाद घटनास्थल की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसमें देखा जा सकता है कि पुल का मध्य भाग पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है और एक मालवाहक ट्रक बाल-बाल बच गया। पुल के टूटते ही ट्रक का पिछला हिस्सा हवा में लटक गया, जबकि आगे के दो पहिए अभी भी पुल पर टिके हुए हैं।

स्थानीय लोगों की सतर्कता और समय रहते ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, ट्रक को हटाने और यातायात बहाल करने में प्रशासन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

एनडीआरएफ की टीम अलर्ट पर

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को घटनास्थल पर तैनात कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि वैकल्पिक मार्गों की पहचान की जा रही है ताकि लोगों को कम से कम असुविधा हो।

NDRF अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित इलाके में अन्य पुलों और संरचनाओं की सुरक्षा का भी जायजा लिया जा रहा है ताकि आगे और किसी अनहोनी से बचा जा सके।

लगातार बारिश से कई जिले प्रभावित

केवल खूंटी ही नहीं, बल्कि रांची, सिमडेगा, लोहरदगा और गुमला समेत झारखंड के कई जिलों में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इससे न केवल सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है बल्कि बिजली, जलापूर्ति और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाओं पर भी असर पड़ा है।

रांची नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर के कई निचले इलाकों में जलजमाव हो गया है। कई घरों में पानी घुस चुका है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

खूंटी जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें और क्षतिग्रस्त पुल की ओर न जाएं। साथ ही, प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की एक सूची भी जारी की है और कहा है कि आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।

प्रशासनिक हेल्पलाइन:

खूंटी आपदा नियंत्रण कक्ष: 06528-222111

एनडीआरएफ रांची: 0651-2456789

लोक निर्माण विभाग: 1800-345-6578

राज्य सरकार ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस पुल के निर्माण में हुई संभावित तकनीकी या निर्माणगत लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द एक नया पुल निर्माण की कार्य योजना तैयार कर ली जाए।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “खूंटी में बनई नदी पर पुल का टूटना अत्यंत चिंताजनक है। राहत व बचाव कार्य जारी हैं। मैं अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं। जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

स्थानीय लोगों में आक्रोश

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुल निर्माण एजेंसी और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि यह पुल महज कुछ साल पहले ही बना था और इतनी जल्दी इसका गिर जाना निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है।

स्थानीय ग्रामीण रामेश्वर नाग ने कहा, “हर बार बारिश आती है, और हम डरते हैं कि कोई न कोई पुल या सड़क बह जाएगी। आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा?”

विशेषज्ञों की चेतावनी

वर्षा जल प्रबंधन और निर्माण तकनीक के विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर राज्य में जल निकासी, नदी की धारा के अध्ययन और निर्माण कार्यों में सुधार नहीं किया गया तो इस तरह की घटनाएं बार-बार होंगी।

इंजीनियरिंग विशेषज्ञ प्रो. ए.के. वर्मा कहते हैं, “बिना भूगर्भीय सर्वेक्षण और हाइड्रोलिक विश्लेषण के पुल बनाना एक बड़ी भूल है। बनई नदी जैसे मौसमी नदियों में अचानक जल स्तर बढ़ने की संभावना अधिक होती है।”


🔴 निष्कर्ष

झारखंड में भारी बारिश के चलते हुई यह दुर्घटना एक चेतावनी है कि मौसम की मार को हल्के में लेना अब संभव नहीं है। यह घटना केवल एक पुल के गिरने की नहीं, बल्कि हमारी बुनियादी संरचनाओं की मजबूती पर उठते गंभीर सवालों की भी है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह न केवल राहत कार्यों को प्राथमिकता दे, बल्कि दीर्घकालिक समाधान और जलवायु अनुकूल विकास की दिशा में कदम उठाए।

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