नई दिल्ली।
देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी (UGC) ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसके तहत अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए UGC NET परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं रहेगा।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में इस नए दिशा-निर्देश को सार्वजनिक किया। इस दौरान ‘Appointment & Promotion of Teachers and Academic Staff in Universities & Colleges’ विषय पर केंद्रित नई नियमावली का विमोचन किया गया। इस दस्तावेज़ में स्पष्ट किया गया है कि अब पीएच.डी धारक उम्मीदवार भी बिना UGC-NET के सहायक प्रोफेसर बन सकते हैं, बशर्ते वे अन्य पात्रता मानदंडों पर खरे उतरें।

इस नई नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा में योग्यता आधारित चयन को बढ़ावा देना और ज्यादा से ज्यादा शिक्षाविदों को अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि जिन उम्मीदवारों ने UGC NET पास नहीं किया है, लेकिन उनके पास पीएच.डी की डिग्री है, वे अब सीधे तौर पर चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
मुख्य बातें:
- असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए अब UGC NET अनिवार्य नहीं।
- पीएच.डी डिग्री धारक को मिलेगा फायदा।
- नई गाइडलाइंस यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) और शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी।
- उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव की ओर एक और कदम।
इस बदलाव को लेकर सोशल मीडिया और अकादमिक जगत में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इससे योग्य पीएच.डी धारकों को बेहतर अवसर मिलेंगे, वहीं कुछ का मानना है कि इससे NET परीक्षा की अहमियत कम हो जाएगी।
हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कदम योग्यता आधारित भर्ती प्रणाली को मजबूत करने के लिए लिया गया है और इससे शिक्षा के स्तर में गिरावट नहीं होगी।